विचार ही विचार
विचार बोला अपने साथी से,
दुनिया चलती हमारे ही दम से!
विचार ने ही नृप बनाया इस जगत का,
चल पड़ा वो मनवाने दुनिया में अपना डंका!
विचार ने ही बनाया एक को फकीर,
और दूसरे को अमीरों का अमीर!
विचार ही कर देता है मन को पुलकित,
और यह ही कर देता सबको भ्रमित!
प्रगति टिकी मानव के विचारों पर,
ये ही ले जाते उनको उन्नति के पथ पर!
भेदभाव का अंतर विचारों से ही आता,
जन्म मरण के चक्र में ये ही सबको उलझाता!
आज हर तरफ विचारों का ही साम्राज्य है,
नहीं तो ये तेरा ये मेरा इसका क्या अभिप्राय है!
बाँध दो विचारों को सकारात्मकता की डोरी से सभी,
बना सकोगे इस धरा को भाईचारे का चमन तभी!
दुनिया चलती हमारे ही दम से!
विचार ने ही नृप बनाया इस जगत का,
चल पड़ा वो मनवाने दुनिया में अपना डंका!
विचार ने ही बनाया एक को फकीर,
और दूसरे को अमीरों का अमीर!
विचार ही कर देता है मन को पुलकित,
और यह ही कर देता सबको भ्रमित!
प्रगति टिकी मानव के विचारों पर,
ये ही ले जाते उनको उन्नति के पथ पर!
भेदभाव का अंतर विचारों से ही आता,
जन्म मरण के चक्र में ये ही सबको उलझाता!
आज हर तरफ विचारों का ही साम्राज्य है,
नहीं तो ये तेरा ये मेरा इसका क्या अभिप्राय है!
बाँध दो विचारों को सकारात्मकता की डोरी से सभी,
बना सकोगे इस धरा को भाईचारे का चमन तभी!
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