दरख़्त
🌷🙏🏻(बुजुर्गों को समर्पित )🙏🏻🌷
हर दरख़्त की अपनी कहानी है………
हर दरख़्त की अपनी अपनी ,मिलती सी कहानी है ,
किसी की आँखों में पानी,किसी का ख़ून भी पानी है।
रखता था जो कभी सब को,अपनी ही प्यारी छाँव में ,
आज ख़ुद छाँव को तरसती ,बुढ़ापे की निशानी है !!
हर दरख़्त की अपनी कहानी है…..
जब उगा था नया-नया अपने आंगन में ,
यूँ लगता,ना जाने कितनी हसीन जवानी है ।
उगे थे नये नये शाख़,नई नई कोंपलें थी ,
आगमन रहा बसंत का,बहार की रवानी हैं !!
हर...