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गीता का उपदेश
गीता

गीता का उपदेश यही।
सही वक्त पर काम सही।

कर्म करो आलस त्यागो,
फल के पीछे मत भागो।
मोह निशा से उठ जागो,
धर्म को अपने मत त्यागो।
मन में रखो सोंच नई।।

सही वक्त पर काम सही।
गीता का उपदेश यही।।

न कुछ तेरा न मेरा,
जग जोगी वाला फेरा।।
क्या खोया क्या कुछ पाया,
सब झूठी काया माया।।
बस जग की है रीति यही।।

सही वक्त पर काम सही।
गीता का उपदेश यही।।

आत्मा अजर अविनाशी है,
चर अचर में घट घट वासी है।।
जो अंतरतम का नाशी है,
उसमें ही मथुरा काशी है।।
जग से कर झूठी प्रीति नही।।

सही वक्त पर काम सही।
गीता का उपदेश नही।।

शारद पंडित प्रशांत कुमार 'पी.के.'
पाली, हरदोई (उत्तरप्रदेश)