कुछ बातें है दिल में अब भी अनकहे और अनसुने
इतने बुरे तो नहीं थे हम,जितना तुम समझ बैठे हमें।
ये दुनिया और उसूल, सब दिखावे है उलझे हुए।
खैर, तुम तो जानते थे हमें, करीब से, फिर भी। तुमने जाना नहीं कि, तुम बिन, हम कैसे मरते रहे।
कैसे हो एहसास तुम्हें , थे उल्फतों के दौर से बंधे।
कुछ बातें है दिल में अब भी, अनसुने और अनकहे।
© paras
ये दुनिया और उसूल, सब दिखावे है उलझे हुए।
खैर, तुम तो जानते थे हमें, करीब से, फिर भी। तुमने जाना नहीं कि, तुम बिन, हम कैसे मरते रहे।
कैसे हो एहसास तुम्हें , थे उल्फतों के दौर से बंधे।
कुछ बातें है दिल में अब भी, अनसुने और अनकहे।
© paras