...

4 views

कुछ बातें है दिल में अब भी अनकहे और अनसुने
इतने बुरे तो नहीं थे हम,जितना तुम समझ बैठे हमें।
ये दुनिया और उसूल, सब दिखावे है उलझे हुए।
खैर, तुम तो जानते थे हमें, करीब से, फिर भी। तुमने जाना नहीं कि, तुम बिन, हम कैसे मरते रहे।
कैसे हो एहसास तुम्हें , थे उल्फतों के दौर से बंधे।
कुछ बातें है दिल में अब भी, अनसुने और अनकहे।
© paras