दिल को काशी सा बना लूँ।
दिल को काशी सा बना लूँ,
और तुमको उसमें बसा लूँ।
सुना है काशी प्रिय है तुम्हें, महादेव,
काशी की आड़ में तुम्हें अपना बना लूँ।
तुम्हारे त्रिशूल पर सजी,
ये प्यारी सी नगरी तुम्हारी,
जिसका कण-कण शिवमय है,
मैं भी अपने दिल के कण-कण को,
तुम में ही रमाना...
और तुमको उसमें बसा लूँ।
सुना है काशी प्रिय है तुम्हें, महादेव,
काशी की आड़ में तुम्हें अपना बना लूँ।
तुम्हारे त्रिशूल पर सजी,
ये प्यारी सी नगरी तुम्हारी,
जिसका कण-कण शिवमय है,
मैं भी अपने दिल के कण-कण को,
तुम में ही रमाना...