आज फिर रूबरू हुई...........✍️
आज फिर रूबरू हुई
उसकी यादे मेरे जहन से यूं
जैसे एक उम्र के बाद
लौटा हो कोइ , मेरे शहर के आगोश में
और उसके साये से लिपट कर
बेइंतेहा रोया हो
मानो ये बहती...
उसकी यादे मेरे जहन से यूं
जैसे एक उम्र के बाद
लौटा हो कोइ , मेरे शहर के आगोश में
और उसके साये से लिपट कर
बेइंतेहा रोया हो
मानो ये बहती...