...

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उन्नति
क्यो जलते हो मेरे आगे बढ़ने से
मैं तो बहुत खुश थी तुम्हारी उन्नति से

हमने थे तब जश्न किए
इतने सारे सपने थे जियें

क्यो याद तुम्हें वो वक़्त ना हैं
क्यो मेरी तरक्की से मसला हैं

मुझे भी हक हैं आगे बढ़ने का
अपने सपने पूरे करने का

ना मैंने तुझे रोका कभी
ना तू मुझको रोक अभी

ख्वाहिशें हैं दिल में कई
मैं भी चुन लू राह नई

बस तू साथ दे मेरा इक बार
मैं पहुँचु तारों के पार

बस भरोसा रख मुझ में
फिर किसी से ना हारू मैं

दुनिया जीत जाऊँ
साथ अगर मैं तेरा पाऊँ

उन्नति अगर मैं करूँगी
जीवन में आगे बढ़ूँगी

तो खुश होना ए यार मेरे
बस संग रहना ए प्यार मेरे

ना नाराज़ होना अब तू कभी
मेरी उन्नति हैं तेरी भी ।

दीप्ति Sood
20/05/22
©deepti_sood24