इनायत (चिंता)
इनायत
तेरे इल्जाम भी कुबूल है हमे,
तो आके शिकायत कर जा,
कहते है लोग, इश्क ले डूबेगा हमे
आ, झूठी हर हिदायत(बात) कर जा
बेबात ही सही, खुशी होगी हमे
बन अपना, मेरी हिमायत(रक्षा) कर जा
है इश्क –ए –मुफलिसी(इश्क ए गरीबी) मंजूर हमे,
इन नफरतों में किफायत कर जा
ना रही अब, प्यार की तमन्ना हमे
हो सके, तो बस नजरें इनायत कर जा
© Mritunjay Dwivedi
तेरे इल्जाम भी कुबूल है हमे,
तो आके शिकायत कर जा,
कहते है लोग, इश्क ले डूबेगा हमे
आ, झूठी हर हिदायत(बात) कर जा
बेबात ही सही, खुशी होगी हमे
बन अपना, मेरी हिमायत(रक्षा) कर जा
है इश्क –ए –मुफलिसी(इश्क ए गरीबी) मंजूर हमे,
इन नफरतों में किफायत कर जा
ना रही अब, प्यार की तमन्ना हमे
हो सके, तो बस नजरें इनायत कर जा
© Mritunjay Dwivedi