आरज़ू.. :)
बहुत कुछ पाने की आरज़ू रही मेरी,
इस बहुत कुछ मैं ज्यादा तो कुछ नहीं ...
अगर है तो वो मेरी खुशी,
पर अब जैसे वो आरजू भी दम तोड़ गई..
चीख निकली बहुत उस आरजू की,
पर वो आरजू भी मेरा साथ छोड़ गई...
आज भी जब लौटती वो आरजू मेरे पास तो बहुत ध्यान देखती हूं उसे,
क्या ये वही आरजू है जो अपने रास्ते मोड़ गई...
खता शायद किसी की न थी,
बस हमारी आरजू किसी की ख्वाइश हो गई...✍🏻
इस बहुत कुछ मैं ज्यादा तो कुछ नहीं ...
अगर है तो वो मेरी खुशी,
पर अब जैसे वो आरजू भी दम तोड़ गई..
चीख निकली बहुत उस आरजू की,
पर वो आरजू भी मेरा साथ छोड़ गई...
आज भी जब लौटती वो आरजू मेरे पास तो बहुत ध्यान देखती हूं उसे,
क्या ये वही आरजू है जो अपने रास्ते मोड़ गई...
खता शायद किसी की न थी,
बस हमारी आरजू किसी की ख्वाइश हो गई...✍🏻