...

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आज मैं जा रहा हूं

बिना थके बिना रुके
सफर जिंदगी का जारी है,

आज मैं जा रहा हूं
कल तेरी परसों उसकी बारी है

जिंदगी छूठी हो सकती
मौत सत्य है जिसकी तैयारी है

अच्छे कर्म का लेख रखा मैंने
बुरे कर्म मुझे याद नहीं
हर कर्मो की काल को जानकारी है

मौत की भी एक बात बड़ी अच्छी है
समय से पहले आती नही
समय आ जाएं तो छोड़कर जाती नहीं
राजा , रंक,अमीर गरीब सब पर ये भरी है


#poetry #died #सत्य








© -Pandit Neeraj Mishra ✍️