कृष्ण प्रेम ❤️🙏
दिया भी तू ने, लिया भी तू ने,
मेरे पास ना तो पहले कुछ था
ना अब कुछ बचा है फिर यह
नश्वर शरीर को क्यों रोक रखा है...?
तू सब जानता है, तू भी यह मानता है
बिन साथी के जीवन नीरस रहता
तुझे साथी मानकर ख्वाबों में जीती हूं
तुमने मेरे प्रेम को खेल क्यों समझ रखा है...?सबकुछ तो अर्पण कर दिया तुझे
पूरे प्रेम समर्पण के साथ .....
ना पूजने में कमी रखी ना चाहने में ...
मेरे पास ना तो पहले कुछ था
ना अब कुछ बचा है फिर यह
नश्वर शरीर को क्यों रोक रखा है...?
तू सब जानता है, तू भी यह मानता है
बिन साथी के जीवन नीरस रहता
तुझे साथी मानकर ख्वाबों में जीती हूं
तुमने मेरे प्रेम को खेल क्यों समझ रखा है...?सबकुछ तो अर्पण कर दिया तुझे
पूरे प्रेम समर्पण के साथ .....
ना पूजने में कमी रखी ना चाहने में ...