...

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लौट आओ न
राह-ए-उल्फ़त में इंतजार बाकी है
लौट आओ न अभी तो रात बाकी है

तन्हा सा हूँ और तन्हाई जान ले रहा है
जब शब-ए-वस्ल में मुलाक़ात बाकी है

यहाँ महताब तो है और चाँदनी नहीं है
अपने इश्क़ की तो अभी बात बाकी है

इस दिल में मेरे मोहब्बत बेशुमार है
जैसे बादल भरें है पर बरसात बाकी है

इज़हार है मेरा और बस तेरी ही कमी है
गूँजता क्यूँ शहनाई जब बारात बाकी है
© Raj
#shreerajmenon