दिल मेँ उतरने तो दो
मन की बात अब कहने तो दो
सिलसिला अब ये चलने तो दो
तुम सुन लेना संगीत की तान
महफ़िल में जरा जमने तो दो
बादल लगाने अब सुरु हुए है
जम कर थोड़ा बरसने तो दो
ऊबकर घर जाने मत...
सिलसिला अब ये चलने तो दो
तुम सुन लेना संगीत की तान
महफ़िल में जरा जमने तो दो
बादल लगाने अब सुरु हुए है
जम कर थोड़ा बरसने तो दो
ऊबकर घर जाने मत...