माँ
#WritcoPoemPrompt45
माँ तेरी लोरियां कानो में गूंजती रहेती है,
याद जभी तेरी आती है मन को उदास कर देती है|
तेरे आँचल में जो सुकून मिलता था, आज उसको तरसते हैं हम,
बचपन की वह डांट कितनी मायने रखती है , आज उससे वाकिफ़ हैं हम |
जो सबक तुमने सिखाया उसपे खरी उतरना है अब,
वही ज्ञान देना है मेरी बागिया के फूल को जो तुम दिया था तब|
© SAM
माँ तेरी लोरियां कानो में गूंजती रहेती है,
याद जभी तेरी आती है मन को उदास कर देती है|
तेरे आँचल में जो सुकून मिलता था, आज उसको तरसते हैं हम,
बचपन की वह डांट कितनी मायने रखती है , आज उससे वाकिफ़ हैं हम |
जो सबक तुमने सिखाया उसपे खरी उतरना है अब,
वही ज्ञान देना है मेरी बागिया के फूल को जो तुम दिया था तब|
© SAM