ऊंचे पल ऊंचे आसमान लिखूंगा
ऊंचे पल ऊंचे आसमान लिखूंगा
आज गम का सामान लिखूंगा
कैसे दिल देकर तोड़ दी है वह लड़की
आज उस लड़की कि प्यार का बयान लिखूंगा
ऊंचे पल,,,,,,
नींद आती नहीं रात जाता नहीं
सुबह को शाम लिखूंगा
उस प्यारी सी नारी को
दिल का गुबान लिखूंगा
ऊंचे पल,,,,,,
सुनहरी धूप सुनहरी छाव मिलती नहीं
हाथ की लकीरों को सुनसान लिखूंगा
कुछ गाने के लिए पास नहीं मेरे सिवा उसके
उसे नगमे तमाम लिखूंगा
ऊंचे पल,,,,,,
पास आकर बैठी उसकी...
आज गम का सामान लिखूंगा
कैसे दिल देकर तोड़ दी है वह लड़की
आज उस लड़की कि प्यार का बयान लिखूंगा
ऊंचे पल,,,,,,
नींद आती नहीं रात जाता नहीं
सुबह को शाम लिखूंगा
उस प्यारी सी नारी को
दिल का गुबान लिखूंगा
ऊंचे पल,,,,,,
सुनहरी धूप सुनहरी छाव मिलती नहीं
हाथ की लकीरों को सुनसान लिखूंगा
कुछ गाने के लिए पास नहीं मेरे सिवा उसके
उसे नगमे तमाम लिखूंगा
ऊंचे पल,,,,,,
पास आकर बैठी उसकी...