दोस्त या दुश्मन
जिंदगी की राह में यूं तो मिलते है कई मुसाफिर,
मगर हर किसी से दिल लगाया नहीं करते।
यूं तो होते है कई चाहनेवाले,
मगर हर किसी को राजदार बनाया नहीं करते।
हम तो दुश्मनी भी शिद्दत से निभाते है,
वो तो दोस्ती भी निभाया नहीं करते।
ऐसे चाहने वाले जी खुद को दोस्त बताते है,
बड़ी किस्मत से है मिला करते।
क्योंकि वो तो आते ही है हमारी जिंदगी में इसलिए,
ताकि हमे गद्दारी का मतलब सीखा सके।
ये दोस्त तुझसे तो दुश्मन अच्छे ,
कम से कम दुश्मनी तो सामने से है निभाते।
दोस्त और दुश्मन में यू तो बहुत फर्क होता है,
मगर तुम जैसे दोस्त ही इस फर्क को है मिटाया करते।
ये दोस्त तुम हमे बहुत याद आओगे,
तेरी बेवफ़ाई हम भुला नहीं सकते।
मगर शुकरिया अदा करते है हम तेरा,
आज हम दोस्त और दुश्मन का फर्क है समझते।
© Dimpi
मगर हर किसी से दिल लगाया नहीं करते।
यूं तो होते है कई चाहनेवाले,
मगर हर किसी को राजदार बनाया नहीं करते।
हम तो दुश्मनी भी शिद्दत से निभाते है,
वो तो दोस्ती भी निभाया नहीं करते।
ऐसे चाहने वाले जी खुद को दोस्त बताते है,
बड़ी किस्मत से है मिला करते।
क्योंकि वो तो आते ही है हमारी जिंदगी में इसलिए,
ताकि हमे गद्दारी का मतलब सीखा सके।
ये दोस्त तुझसे तो दुश्मन अच्छे ,
कम से कम दुश्मनी तो सामने से है निभाते।
दोस्त और दुश्मन में यू तो बहुत फर्क होता है,
मगर तुम जैसे दोस्त ही इस फर्क को है मिटाया करते।
ये दोस्त तुम हमे बहुत याद आओगे,
तेरी बेवफ़ाई हम भुला नहीं सकते।
मगर शुकरिया अदा करते है हम तेरा,
आज हम दोस्त और दुश्मन का फर्क है समझते।
© Dimpi
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