...

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बारिश
घनघोर बदरिया घन बरसे,
चहुं ओर प्रफुल्लित हो गए मन।
छा गई बागों में हरियाली,
नाचे है तन, झूमे है मन ।।
जब मिट्टी की खुशबू आई ,
और फूलों से भंवरे का हुआ मिलन
धरती पर खुशियों ने दस्तक दी ,
और बाज उठा एक मधुर सा धुन ।
आया वो मौसम जब सारे ,
पशु पक्षी को मिला नव जीवन
धरती हो गई अति सुंदर ,
नाचे है तन , झूमे है मन ।।

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