चाँद और मैं
वो नर्म-नर्म सी उज्ज्वल चाँद की आभा
तारों की बारात और चाँद का संग अनोखा
चाँद और मैं बातें करते है रात को अक्सर
सपनों की गलियों में खो जाते हैं वो पहर
उसकी शीतल किरणें दिल को छू जाती हैं
मन के अँधेरों में उजाला सा भर आती हैं
बड़ी खामोशी से सुनता है मुझसे दिनभर क्या हुआ
सितारों की गवाही में मुश्किलों पर...
तारों की बारात और चाँद का संग अनोखा
चाँद और मैं बातें करते है रात को अक्सर
सपनों की गलियों में खो जाते हैं वो पहर
उसकी शीतल किरणें दिल को छू जाती हैं
मन के अँधेरों में उजाला सा भर आती हैं
बड़ी खामोशी से सुनता है मुझसे दिनभर क्या हुआ
सितारों की गवाही में मुश्किलों पर...