"विरासत का संगीत"
मेरी परवरिश राजाओं जैसे हुआ है,
तुम्हारी ओकत नहीं, तुम मुझे समझ सको कैसे।
संस्कृति का सागर, मेरे माता-पिता की बातें,
तुम्हारी समझ से दूर, ये दुनिया बदल लाते हैं।
पौराणिक किस्सों में, बचपन बिताया मैंने,
तुम्हारी आँखों में, अब तक वह सब कुछ है अनदेखा।
सवालों का सिलसिला, मेरे घर की महक है,
तुम्हारी ओकत नहीं, मेरा इतिहास कैसे समझोगे।
बड़ा होते हुए भी, एक अजीब सा ख्वाब हूँ,
तुम्हारे लिए रहूँ या ना रहूँ, ये मेरा सवाल है।
मेरी परवरिश राजाओं जैसे हुआ है,
तुम्हारी ओकत नहीं, मेरी कहानी को कैसे समझोगे।
शानदार दरबारों में, मेरा बचपन बीता,
तुम्हारी आँखों में, क्या मेरी भावनाओं की गहराई है।
कहानियों के पीछे, मेरे अजीब सपने हैं,
तुम्हारी बातों से, कैसे बनाऊं मेरे ख्वाबों की माया।
ओकत से परे, मेरा विचार जगहों की है,
तुम्हारी समझ में, कैसे लपेटूं अपने विचारों की कहानी।
मेरी परवरिश राजाओं जैसे हुई है,
तुम्हारी ओकत नहीं, मेरी बातें कैसे समझ पाओगे।
आँधीओं में बदली मेरी किस्से-कहानियाँ,
तुम्हारी आँखों में, कैसे छूपा बैठा हूँ मैं।
शाही अदा से मेरी, गलियों की बातें कहती हैं,
तुम्हारी ज़िंदगी में, मेरी छाया कैसे बन पाएगी।
ओकत का खेल है, हर किसी की अलग बात,
तुम मेरी ओकत से ना जाने, मेरे दिल का राज कैसे समझोगे।
मेरी परवरिश राजाओं जैसे हो गई है,
तुम्हारी ओकत...
तुम्हारी ओकत नहीं, तुम मुझे समझ सको कैसे।
संस्कृति का सागर, मेरे माता-पिता की बातें,
तुम्हारी समझ से दूर, ये दुनिया बदल लाते हैं।
पौराणिक किस्सों में, बचपन बिताया मैंने,
तुम्हारी आँखों में, अब तक वह सब कुछ है अनदेखा।
सवालों का सिलसिला, मेरे घर की महक है,
तुम्हारी ओकत नहीं, मेरा इतिहास कैसे समझोगे।
बड़ा होते हुए भी, एक अजीब सा ख्वाब हूँ,
तुम्हारे लिए रहूँ या ना रहूँ, ये मेरा सवाल है।
मेरी परवरिश राजाओं जैसे हुआ है,
तुम्हारी ओकत नहीं, मेरी कहानी को कैसे समझोगे।
शानदार दरबारों में, मेरा बचपन बीता,
तुम्हारी आँखों में, क्या मेरी भावनाओं की गहराई है।
कहानियों के पीछे, मेरे अजीब सपने हैं,
तुम्हारी बातों से, कैसे बनाऊं मेरे ख्वाबों की माया।
ओकत से परे, मेरा विचार जगहों की है,
तुम्हारी समझ में, कैसे लपेटूं अपने विचारों की कहानी।
मेरी परवरिश राजाओं जैसे हुई है,
तुम्हारी ओकत नहीं, मेरी बातें कैसे समझ पाओगे।
आँधीओं में बदली मेरी किस्से-कहानियाँ,
तुम्हारी आँखों में, कैसे छूपा बैठा हूँ मैं।
शाही अदा से मेरी, गलियों की बातें कहती हैं,
तुम्हारी ज़िंदगी में, मेरी छाया कैसे बन पाएगी।
ओकत का खेल है, हर किसी की अलग बात,
तुम मेरी ओकत से ना जाने, मेरे दिल का राज कैसे समझोगे।
मेरी परवरिश राजाओं जैसे हो गई है,
तुम्हारी ओकत...