वो शाम फिर याद आ रही है
वो शाम फिर याद आ रही है
धीरे धीरे से ये रात जा रही है
वो उड़ते हुवे गेसुओं से झलके कटा सा चांद
खुशबू तेरी सांसो में समा रही है
वो मुझे...
धीरे धीरे से ये रात जा रही है
वो उड़ते हुवे गेसुओं से झलके कटा सा चांद
खुशबू तेरी सांसो में समा रही है
वो मुझे...