...

5 views

मेरा क़ुसूर क्या था माँ?
जब ख्वाब की ताबीर थी नामुमकिन
तुमने फिर ख्वाब ही, क्यों संजोया था माँ,
जब फूल को जन्म से पहले ही मिटाना था
तुमने ऐसे फूल को, सींचा ही क्यों था माँ,
जब मसल कर धूल में ही मिलाना था
तुमने मुझे अपनी साँसों में, क्यों पिरोया था...