बेटी
#ओ मेरी प्यारी बेटी कैसी हो तुम?
ससुराल के घरौंदे में क्या ख़ुश हो तुम?
जानना चाहा हर बार बेटी तुम्हें पर,
मुस्कुराकर हर बार बोल देती हो तुम।
कि मेरे अप्पा मन में नहीं हैं कोई दर्द,
जीना तो मैंने आपसे ही सिखा है।
रिश्तों को सजाना, घर को घरौंदा बनाना,
बेटी...
ससुराल के घरौंदे में क्या ख़ुश हो तुम?
जानना चाहा हर बार बेटी तुम्हें पर,
मुस्कुराकर हर बार बोल देती हो तुम।
कि मेरे अप्पा मन में नहीं हैं कोई दर्द,
जीना तो मैंने आपसे ही सिखा है।
रिश्तों को सजाना, घर को घरौंदा बनाना,
बेटी...