...

10 views

अनचाही बेटी।
बचपन से ही वो,जाने कितने भेदभाव
झेलती है।
वो, अपने भाई के टूटे खिलौनो  से
खेलती है।

सारे सपने बिखेर कर जो ,अपनो के
सपने सजाती है।
फिर क्यू? सामाज मे वो खुद को अकेला
पाती है।

खुद बेडियो मे बन्ध कर वो दूसरों को
आजादी देती है।
वो सारी मुस्किलों को अपने सर पर
लेती है।

अपने मन की बात वो ना किसी से
कह पाती  है।
अपने माता पिता को दुखी  देख जो ,
सहम सी जाती है।

अगर वो माता पिता की बनती परछाई है
फिर क्यू वो बेटी लोगो को अनचाही है??




© Manishaakshetry