आँगन में सैलाब
कभी आँधी की आफत तो कभी बारिश की बूंदे,
फूंस वाली झोंपड़ी के नीचे सोती--
माँ अपने बेटे को कलेजे से लगाकर |
और बापू बारिशों की ध्वनि को...
फूंस वाली झोंपड़ी के नीचे सोती--
माँ अपने बेटे को कलेजे से लगाकर |
और बापू बारिशों की ध्वनि को...