देखो ना
झुठ की आंधियाँ बुझा ना सकीं
मेरे सच का चिराग देखो ना
जो मेरा घर जलाने आए थे
उन के घर में है आग देखो ना
इश्क़ की धूप ने जला डाले
नफरतों के वो बाग़ देखो ना
धर्म के ठेकेदार लोगों ने
छीने कितने सुहाग देखो ना
© ✍︎ 𝐀𝐪𝐢𝐛
मेरे सच का चिराग देखो ना
जो मेरा घर जलाने आए थे
उन के घर में है आग देखो ना
इश्क़ की धूप ने जला डाले
नफरतों के वो बाग़ देखो ना
धर्म के ठेकेदार लोगों ने
छीने कितने सुहाग देखो ना
© ✍︎ 𝐀𝐪𝐢𝐛
Related Stories