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गांव की एक शाम
"गांव की एक शाम"
गांव की वह एक शाम, वह एक सुहाना सफर
क्या वापस लौट कर आयेंगे वह लम्हे
न तुझे ख़बर न मुझे ख़बर
बस प्यार तू लुटाते जा, उन यादों के समागम से
एक प्याला तू नई पीढ़ी को पिलाते जा
और देख कैसे बदल रहा गांव का परिवेश
तू कुछ तो बचाते जा,
और इस नई पीढ़ी को कुछ यादें बताते जा
अब हर कोई हर एक का दोषी है
यहां सब बस पैसे के मदहोशी है
जो कर रहे हैं यह विनाश
तू उनको वह बेहतरीन पल बताते जा
नई पीढ़ी को वह शाम का किस्सा तू सुनाते जा!!!!