...

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दोस्त और दोस्ती
"दोस्तों के बग़ैर ये ज़िन्दगी होती है अधूरी ।
दोस्त ही तो जीवन में खुशियों की होते धूरि ।।
रूठ जाए दोस्त कोई तो मना लेना चाहिए।
कुछ बातों पर चुपचाप सर झुका लेना चाहिए।।
तपती धूप में बारिश की बूंदों से होते दोस्त।
जाड़ो की गुनगुनी नर्म धूप से होते दोस्त।।
हरदम हमसाया सा मेरे साथ चलते हैं।
ग़म के अंधेरों में रोशनी बन मिलते है।।
दोस्त ही तो हैं जिनसे जीवन मेरा संवरे ।
दोस्ती के रंग खुशी के जीवन में बिखरे।।
दोस्त बिना सूना मन का आँगन लगता।
बिन बसंत पतझड़ सा ये जीवन होता।।
दोस्तों के संग ज़िंदगी का हर पल गुलज़ार है।
दोस्ती के हर एक रंग से बेहद मुझे प्यार है।।
"ऋcha"





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