## संवाद और आकर्षण##
## संवाद और आकर्षण##
अंतर मन की व्यथा को सुलझाऊ कैसे हो जाऊ आबाद,
युगों युगों तक रहे साथ तुम्हारा ऐसा हो तुम संग संवाद।
दूर हो शिकवा दिल का मेलजोल बढे आँगन में,
खत्म हो सारी मजबूरी दिल की खुशियाँ खिल उठे जीवन में।
मिले जीवन की हर समस्या का समाधान खत्म हो रोना धोना,
पारिजात पुष्प की तरह महके मन का हर कोना।
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अंतर मन की व्यथा को सुलझाऊ कैसे हो जाऊ आबाद,
युगों युगों तक रहे साथ तुम्हारा ऐसा हो तुम संग संवाद।
दूर हो शिकवा दिल का मेलजोल बढे आँगन में,
खत्म हो सारी मजबूरी दिल की खुशियाँ खिल उठे जीवन में।
मिले जीवन की हर समस्या का समाधान खत्म हो रोना धोना,
पारिजात पुष्प की तरह महके मन का हर कोना।
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