पत्थर
पत्थर
पाषाण निष्प्राण हूं मैं
जीवन का आधार हूं मैं
मुझे पूजते हैं जो जन
उनके लिए भगवान हूं मैं
सभी तत्वों की खान हूं मैं
अब सबके दिलों में विराजमान हूं मैं
लवण बन जीवनदान हूं मैं
अभागे के लिए शैय्या समान हूं मैं
सुख दुख से अनजान हूं मैं
चीखों से अनभिज्ञ सुन लो
तुमसे अधिक दयावान हूं मैं ।।
© NC
पाषाण निष्प्राण हूं मैं
जीवन का आधार हूं मैं
मुझे पूजते हैं जो जन
उनके लिए भगवान हूं मैं
सभी तत्वों की खान हूं मैं
अब सबके दिलों में विराजमान हूं मैं
लवण बन जीवनदान हूं मैं
अभागे के लिए शैय्या समान हूं मैं
सुख दुख से अनजान हूं मैं
चीखों से अनभिज्ञ सुन लो
तुमसे अधिक दयावान हूं मैं ।।
© NC