ठाट बनारस
*बनारस* वालो के लिए *पुलिस* का *पैग़ाम....*
पुलिस खड़ी है यहाँ *डगर डगर,*
तू भूल के भी ना आना *कबीरनगर*
लठ सजा रखे हैं *हर एक मोड़ पर,*
निकलो तो सही तुम *लहुराबीर रोड* पर।
लाल कर देंगे मार मार कर *पिछवाड़ा,*
गलती से भी ना आना *लंका थाना*
शरीर से निकाल देंगे *सारी जंग*,
अगर तुम आ गए *चेतगंज*
बदन से निकलेगी *आग ही आग*
गलती से मत आ जाना *बेनियाबाग*
*सुजा देंगे* पूरा का पूरा,
जो तुम नज़र आये *सोनारपुरा*
मार मार के कर देंगे *टांगे चौड़ी,*
जो निकले *चौक* खाने *पूड़ी कचौड़ी!*
*घर वाला* भी ना पहचान पाएगा
गर गलती से तू *कचहरी* जाएगा!
बिगाड़ देंगे *चेहरे का नक्शा,*
आ मत जाना भटकते हुए *लक्सा।*
उड़ा देंगे सारी *पापा की परियाँ,*
जो गलती से नज़र भी आईं *मलदहिया*
*लंगड़ाते जाओगे* अपने घर की डगर,
आ कर तो देखो ज़रा *रामनगर!*
*तोड़ देंगे* शरीर का कोना कोना,
जहाँ कहीं दिख गए तुम्हारे *बाबू सोना!*
सिर्फ बनारस वालो के लिए
© @mishravishal
पुलिस खड़ी है यहाँ *डगर डगर,*
तू भूल के भी ना आना *कबीरनगर*
लठ सजा रखे हैं *हर एक मोड़ पर,*
निकलो तो सही तुम *लहुराबीर रोड* पर।
लाल कर देंगे मार मार कर *पिछवाड़ा,*
गलती से भी ना आना *लंका थाना*
शरीर से निकाल देंगे *सारी जंग*,
अगर तुम आ गए *चेतगंज*
बदन से निकलेगी *आग ही आग*
गलती से मत आ जाना *बेनियाबाग*
*सुजा देंगे* पूरा का पूरा,
जो तुम नज़र आये *सोनारपुरा*
मार मार के कर देंगे *टांगे चौड़ी,*
जो निकले *चौक* खाने *पूड़ी कचौड़ी!*
*घर वाला* भी ना पहचान पाएगा
गर गलती से तू *कचहरी* जाएगा!
बिगाड़ देंगे *चेहरे का नक्शा,*
आ मत जाना भटकते हुए *लक्सा।*
उड़ा देंगे सारी *पापा की परियाँ,*
जो गलती से नज़र भी आईं *मलदहिया*
*लंगड़ाते जाओगे* अपने घर की डगर,
आ कर तो देखो ज़रा *रामनगर!*
*तोड़ देंगे* शरीर का कोना कोना,
जहाँ कहीं दिख गए तुम्हारे *बाबू सोना!*
सिर्फ बनारस वालो के लिए
© @mishravishal