जाने वाले...
जाने वाले...
बताकर क्यों नहीं जाते
कि उनके जाने का
समय हो चला है
वो ये समझा कर
क्यों नहीं जाते
कि उनके बिना
कैसे जिया जाए
जाने वाले...
ये कहकर क्यों नहीं जाते
कि वो आखिर
कहां जा रहे हैं
वो ये छुपा कर
क्यों चले जाते हैं
कि अब दोबारा
मिलना नहीं होगा
जाने वाले...
मन की पीड़ा
क्यों नहीं बताते
कि जाने से पहले
उनको कितना
दर्द हुआ होगा
वो ये बताना
क्यों भुल जाते हैं
कि हम भी तो
उनके अपने ही हैं
जाने वाले...
आवाज़ क्यों नहीं लगाते
मिल लो कि अब चलते हैं
वो ये क्यों नहीं जता पाते
कि उनके दिल में
क्या चल रहा था
जाने वाले...
बस चले जाते हैं
अपने पीछे
अपनी अनगिनत
यादें छोड़ कर
वो उन यादों को
समेटना नहीं बता पाते
हम दिल को ये
नहीं समझा पाते
कि जाने वाले आख़िर
कहां लौट कर आते हैं....???
© ढलती_साँझ
बताकर क्यों नहीं जाते
कि उनके जाने का
समय हो चला है
वो ये समझा कर
क्यों नहीं जाते
कि उनके बिना
कैसे जिया जाए
जाने वाले...
ये कहकर क्यों नहीं जाते
कि वो आखिर
कहां जा रहे हैं
वो ये छुपा कर
क्यों चले जाते हैं
कि अब दोबारा
मिलना नहीं होगा
जाने वाले...
मन की पीड़ा
क्यों नहीं बताते
कि जाने से पहले
उनको कितना
दर्द हुआ होगा
वो ये बताना
क्यों भुल जाते हैं
कि हम भी तो
उनके अपने ही हैं
जाने वाले...
आवाज़ क्यों नहीं लगाते
मिल लो कि अब चलते हैं
वो ये क्यों नहीं जता पाते
कि उनके दिल में
क्या चल रहा था
जाने वाले...
बस चले जाते हैं
अपने पीछे
अपनी अनगिनत
यादें छोड़ कर
वो उन यादों को
समेटना नहीं बता पाते
हम दिल को ये
नहीं समझा पाते
कि जाने वाले आख़िर
कहां लौट कर आते हैं....???
© ढलती_साँझ