...
जिसे चाहा
न कभी कहा
न कभी कह पाएंगे
इतने दिन तो रह गए
खुद में ही सब समेटे
जाने दिन कितने और
हम सलामत रह पाएंगे
एक तरफा...
न कभी कहा
न कभी कह पाएंगे
इतने दिन तो रह गए
खुद में ही सब समेटे
जाने दिन कितने और
हम सलामत रह पाएंगे
एक तरफा...