जब तक तुम मिले ना थे।
कोई शिकवे गिले ना थे,
जब तक तुम मिले ना थे।
नन्हा सा गांव था मन का,
प्यार के कोई जिले ना थे।
राजा की रानी कहीं गुम थी,
इतने ख्वाबों के किले ना थे।
बागों में बहारें आईं थीं मगर,
फूल दो दिलों के खिले ना थे।
सदियों से प्यार अमर था मगर,
तन्हा दिल जमीं पर मिले ना थे।
एक अरसा बीत गया प्यार को,
अब तक ऐसे होंठ सिले ना थे।
© 💕ss
जब तक तुम मिले ना थे।
नन्हा सा गांव था मन का,
प्यार के कोई जिले ना थे।
राजा की रानी कहीं गुम थी,
इतने ख्वाबों के किले ना थे।
बागों में बहारें आईं थीं मगर,
फूल दो दिलों के खिले ना थे।
सदियों से प्यार अमर था मगर,
तन्हा दिल जमीं पर मिले ना थे।
एक अरसा बीत गया प्यार को,
अब तक ऐसे होंठ सिले ना थे।
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