...

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क्रोध
ये जो मेरा क्रोध हैं मुझे ही डुबा रहा
उसको कोई फ़र्क नहीं जो तुमको क्रोधि बना रहा ।

वहीं पुराने दाव पेंच जिसमें तुम्हें फसा रहा,
क्रोध की ज्वाला में जल रहे हों तुम वो...