...

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अनकहे झूठ
तूने बोला था,
तू भी डरता है मुझे खोने से
पर तेरी आंखों में मैंने वो डर कभी देखा नहीं
तू अक्सर बोला करता था कि
प्यार है तुझे मुझ से
पर तेरी बातो में, तेरी आंखों में
फिर से वो दिखा नही
मैं तो सब तेरे लिए लिखूं पर तू तो शायरिया किसी और की ही सुन रहा था
वादे तो मुझ से किए  करता था तू
पर निभाता कही और ही था
हाथ थामने की बातें तो मेरी करता था
पर थाम तो किसी और को  लिया तूने
मेरे साथ तो नही पर किसी और के साथ खुश था तू
तुझे तो बेवफा भी नही बोल सकती
क्योंकि वफ़ा तूने मेरे साथ तो नही पर किसी और के साथ जरूर किया!
            
© नैनिका