...

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गुमशुदा जिंदगी की कहानी।
याद आती है बात पुरानी
गुमशुदा जिंदगी की कहानी।

महकती थी जिंदगी ऐसे
जैसे महकती है रातरानी।

अहसास काफ़ी गहरे थे हमारे
जैसे समुंदर का गहरा पानी।

अलबेला प्यारा सा बचपन
छोटी छोटी खुशियों की रवानी।

हंसते मुस्कुराते हुए लम्हें
न कोई फ़िक्र न बदगुमानी।

परिंदों सी उड़ने की ख्वाहिशें
चांद को छूने की थी ठानी।

हाय याद आती है आज भी
वो शरारत, मस्तियां ,नादानी।

हर दर्द से थी बेगानी
हर खौफ से थी अनजानी

लिख न सकेंगे लफ्ज़ों में
गुमशुदा जिंदगी की कहानी।