माँ
चोट मूझे आई है, तु क्यों रोती माँ
भूख मुझे लगी है, थकान भूलकर तु क्यों खाना पकाती माँ,
मुझे नींद ना आई, तु क्यों जागी माँ,
दुनिया को भूलकर,अपने दिल का भी...
भूख मुझे लगी है, थकान भूलकर तु क्यों खाना पकाती माँ,
मुझे नींद ना आई, तु क्यों जागी माँ,
दुनिया को भूलकर,अपने दिल का भी...