एक औरत है तू।।।
एक औरत है तू,
यूँ छोटे कपड़े पहन कर बाहर जाया ना कर।
अगर कोई कुछ कह भी दे,
तो यूं बवाल मचाया ना करें।।
माना मैं दुर्गा की पूजा करता हूं,
पर मुझे दुर्गा बनकर दिखाया ना कर।
एक औरत है तू,
ज्यादा भाव खाया ना कर।।
माना सारे कष्ट झेलती है तू,
पर दुनिया को कुछ बतलाया ना कर,
एक औरत है तू,
मुझसे नजर मिला या ना कर।।
© Tulikawrites
यूँ छोटे कपड़े पहन कर बाहर जाया ना कर।
अगर कोई कुछ कह भी दे,
तो यूं बवाल मचाया ना करें।।
माना मैं दुर्गा की पूजा करता हूं,
पर मुझे दुर्गा बनकर दिखाया ना कर।
एक औरत है तू,
ज्यादा भाव खाया ना कर।।
माना सारे कष्ट झेलती है तू,
पर दुनिया को कुछ बतलाया ना कर,
एक औरत है तू,
मुझसे नजर मिला या ना कर।।
© Tulikawrites