...

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तुम ?
ना जाने क्यों इतना इतराते हो , तुम
हर बार क्यों दिल तोड़ जाते हो , तुम

बड़ी मुश्किल से मिले हो , तुम
हकीकत में ना सही ख्वाबों में मिल जाओ , तुम

गैरो को गले लगाकर दिल ना जलाया करो , तुम
मर तो जाये मगर जीने की वजह हो , तुम

पुराने जख्मो को भरने तो दो , तुम
मैं भी इंसान हूँ थोड़ा रहम करो , तुम

तुम्हारे निकाह की ख़ुशखबरी हमे ना दो , तुम
हमारे बर्बादी की वजह हो , तुम

अब तो गैरो केे साथ जस्न मनाती हो , तुम
हमारी यादों को पैरो तले दबा देती हो , तुम

खु़दा की रहमत से मुस्कुराह ती रहो , तुम
गैरो से " भंवर " की बर्बादी सुनती रहो , तुम



© bhanwarmandan36