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कितनी अजीब दास्तां
कितनी अजीब दास्तां मै जहर पी गयी
ज़िंदा हूँ यारों आज तक पर मेरा दर्द मर गया
शीशे के घर मै हूँ कोई पत्थर ना मार दे
नफ़रत से कह रही हूँ की थोड़ा सा प्यार दे
गैरो से खौफ नहीं हैं अपनों से ही डर गयी
कितनी अजीब दास्तां मै जहर पी गयी
फूलो को टूटते हुए देखा जो कलियों ने
सहमी हुई सी छुप गयी कलियों मै
प्यार का इजहार का लम्हा गुजर गया
कितनी अजीब दास्तान मै जहर पी गयी
खुला खुला सा आसमान देखे जमीन को
एक दर्द का सैलाब हैं कोसे नसीब को
छोटा सा एक टुकड़ा बर्फ का पिगल गया
कितनी अजीब दास्तां मै जहर पी गयी
#roohedariya❤️_tujhse_meri
#uniquefeelings #ANJANA
© Unique feeling
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