ज़िन्दगी के मराह़िल
ग़म का सामान है और कड़ी धूप भी
राह वीरान है और कड़ी धूप भी
इक मुस़ाफ़िर हूँ मैं राह भटका हुआ
रस्ता अनजान है और कड़ी धूप भी
कोई साया नहीं है कहीं दूर तक
दिल परेशान है और...
राह वीरान है और कड़ी धूप भी
इक मुस़ाफ़िर हूँ मैं राह भटका हुआ
रस्ता अनजान है और कड़ी धूप भी
कोई साया नहीं है कहीं दूर तक
दिल परेशान है और...