"बीते क्षण"
आज फिर मैं उस पुराने
पथ से गुज़रीं थी।
जहां कभी अल्हड़ बचपन
मेरी गुज़रीं थी।
जब था केवल खेल कूद और क्रीड़ाओं
का दौर तब कहां कोई जिम्मेदारी थी।
वो सरोवर में...
पथ से गुज़रीं थी।
जहां कभी अल्हड़ बचपन
मेरी गुज़रीं थी।
जब था केवल खेल कूद और क्रीड़ाओं
का दौर तब कहां कोई जिम्मेदारी थी।
वो सरोवर में...