कुछ तो लिख
अजीब है , किसी के समझने लायक नहीं
तो क्या हुआ तू लिख ।
पसंद नही आयेगा फिर भी लिख , ना पसंद आने पर चीज वापस भी होने लगी है तू तो लिख ।
लिख कर क्या मिल जाएगा , सब अकल से अंधे हैं पर कोई बात बही ,
तू तो लिख भले ही किसी को ये ना दिखे ।
चलते चलते लिख या लिखते लिखते चल भले ही ठोकर खा के गिर जा ना , किसी की नज़रों में...
तो क्या हुआ तू लिख ।
पसंद नही आयेगा फिर भी लिख , ना पसंद आने पर चीज वापस भी होने लगी है तू तो लिख ।
लिख कर क्या मिल जाएगा , सब अकल से अंधे हैं पर कोई बात बही ,
तू तो लिख भले ही किसी को ये ना दिखे ।
चलते चलते लिख या लिखते लिखते चल भले ही ठोकर खा के गिर जा ना , किसी की नज़रों में...