...

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मयखाने

जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
कहते हैं, ऐसे नशेबाजों को क्या पिलाएं
इश्क़ में होश खोकर, जो हुए सयाने हैं

कि जब से चढ़ा है सुरूर हम पर मोहब्बत का
इस दुनिया से हुए हम अनजाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
चर्चे हैं, हम तेरे इश्क़ में हो गए दीवाने हैं

© Reema_arora