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कभी सोचा न था ये पल इतने जल्द आएंगे
आज वक्त को रोकने का जी चाह रहा है
न जाने ये दिल क्यों सबसे बिछड़ने से खबरा रहा है
शुरू हुआ था ये सफर जब
कभी सोचा न था ये वक्त इतने जल्द खत्म होगा
कभी सोचा न था उन खटे मीठे पलो को याद कर ये दिल यूं नम होगा

बच्चे बन कर ही तो आए थे हम सब
एक दूसरे से कितने पराए थे हम सब
कभी सोचा न था हम इन अनजान लोगों के बीच
हम अपनी जान पहचान भी बनाएंगे
कुछ पुराने यार साथ छोड़ देंगे
तो कुछ नए यार जान बन जाएंगे


जिस सफर की शुरुआत हमने 3 साल पहले करी थी
सेमिनार इंट्रो से जो स्टार्ट हुईं थी
तब कॉलेज के शुरुआती दिनों में सोचते थे
यहां से जल्द ही निकल जाएंगे
अब जब वो दिन आ ही गए तो कहा सोचा था
जाने से पहले हमारे पैर यूं लडखड़ाएंगे

first सेमिस्टर ने तो हमे हमारी औकात दिखाई थी
तभी हम एक दूसरे के कंधे पर हाथ रख कर बोले
ये कॉलेज वॉलेज अपने बस का नही है भाई
जैसे तैसे जब हमने निकाला था अपना आधा साल
कमसे बोहोत खुश हुए थे जब पता चला Corona की वजह से निकालने होगे घर पर ही बचे 2 साल

लेकिन जब 6th सेम को हम कॉलेज गए...
कसम से यार स्टार्टिंग के 4 5 दिन बोहोत बोरिंग गए...
पर जब हम 6th सेम के आखिर मोड़ पर आए...
तब पता चला हमने लॉकडोन की वजह से न जाने कितने सुनहरे पल है गवाए....

अब तो याद आएगा सबको दोस्तो से बिछड़ना...
याद आएगा वो lectrure में दोस्तो के संग non stop गप्पे मारना...
याद आएगा वो class के दरवाजे तक पोहोच कभी कभी class बंक करना...
याद आएगा वो 6 बजे का अलार्म लगा कर भी
कॉलेज देर से ही पोहोचना...
याद आएगा वो class में जल्दी पोहोछ कर भी last banch पर ही बैठना...
याद आएगा टीचर्स का छोटी छोटी गलतियो पर डाट लगाना...
याद आएगा वो टीचरs को यूं परेशान करना...
अब कहा वो टीचर्स की डाट सुनने मिलेगी
अब प्यार से तो कभी सकती से हमे कोन समझाएगा...
yarrबीता हुआ पल अब वापस कब आएगा...

कभी सोचा न था ये वक्त इतने जल्द आएगा...
कई अनकही हजारों बाते रह जाएगी...
ना भूलने वाली यादें रह जाएगी...
अब तो practical assignment का टेंशन भी न होगा...
अब prac assig मांगने भी हम कहा घूमेंगे...
अपने class के टॉपर्स को भी हम कहा भूलेंगे...
भूलेंगे तो उनको भी नहीं जिनसे आंखे कई बार मिली पर बात कभी नहीं हो पाई...
भूलेंगे तो उनको भी नही जिन्होंने grup बना कर हमारी बोहोत उड़ाई...

कभी सोचा न था न जाने कब हम इस भीड़ का हिस्सा बन जाएंगे...
पता भी न चला कब हम इतने जल्द clg का किस्सा बन जाएंगे...
अब तो पड़ते पड़ते नौकरी करने के भी दिन आ गए...
पता भी न चला जिंदगी को मजाक समझते समझते कब हम मंजिल के आखिर मोड़ पर आ गए...

अब होगी सबकी मंजिले अलग और हमे भी अलग होना होगा...
ना चाहते हुए भी अब हमे बड़ा होना होगा..
जहा से हमेशा निकलना चाहा था हमने
कभी सोचा न था आज वही रुकने को जी चाहेगा..
जिन बातों से परेशान irritat हुआ करते थे
कभी सोचा न था आज उन्ही बातो को याद कर
ये दिल यूं नम होगा...
कभी सोचा न था ये दिन इतने जल्द निकल जायेंगे
सच में यार ये यादें बोहोत याद आएंगे।।2।।







© tejswii_madavi