*** ग़ज़ल ***
*** ग़ज़ल ***
*** दायरा ***
" तेरे दायरों से फिर कहा सुकून यार मिलेगा ,
फिर अब कौन सी बंदगी करु फिर तेरे जैसा प्यार मिलेगा ,
हसरतें ख्याल अब ये तेरा मेरा साकी मिलेगा ,
करवते वो राहतो के तेरे बिना फिर कहा यार मिलेगा ,
कोई गुंजाइश बाकी रहने दें कुछ तो...
*** दायरा ***
" तेरे दायरों से फिर कहा सुकून यार मिलेगा ,
फिर अब कौन सी बंदगी करु फिर तेरे जैसा प्यार मिलेगा ,
हसरतें ख्याल अब ये तेरा मेरा साकी मिलेगा ,
करवते वो राहतो के तेरे बिना फिर कहा यार मिलेगा ,
कोई गुंजाइश बाकी रहने दें कुछ तो...