Limitations of a girl life
क्यों एक लड़की की जिंदगी चारदिवारी में है कटती
वो चारदिवारी तो बदलती जब छोड़ बाबुल का घर पिया के घर जाती पर चारदिवारी नहीं हटती
जब होवे कोई उत्सव तो आवे चारदीवारी से निकलकर,
पर एक नए बंधन में बंधकर जो है नारी का समाज के प्रति...
वो चारदिवारी तो बदलती जब छोड़ बाबुल का घर पिया के घर जाती पर चारदिवारी नहीं हटती
जब होवे कोई उत्सव तो आवे चारदीवारी से निकलकर,
पर एक नए बंधन में बंधकर जो है नारी का समाज के प्रति...