...

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#गुलाब
#गुलाब
जंगली कीकरों मे गुलाब ढूंढते हो
कक्षाओं मे खता हमारी ढूंढते हो
शमशानो मे मुर्दों मे जान ढूंढते हो
आशिको मे क्यो जात ढूंढते हो ।

सहने वालो मे क्यो बर्दाश्त ढूंढते हो
बेजुबानो मे क्यो जवाब ढूंढते हो
जन्नत की राह मे तुम दोज़ख़ ढूंढते हो
कातिलों के शहर मे क्यो गुन्हेगार ढूंढते हो।

काले बीहड़ों मे चांदनी रात ढूंढते हो
ज़हर मे मौत के शिवा क्या ढूंढते हो
इन गलियों मे इतनी गौर से क्या ढूंढते हो
वो परछाई रुखसत हो गई जिसे रोज ढूंढते हो।।






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