बस इतने समझदार हैं हम
आप हमारे साथ हो जब कितने खुशगवार हैं हम
सच्चे दोस्त की दोस्ती के कितने तलबगार हैं हम
प्यासे को ही पानी की ज्यों तलब हुआ करती है
प्यास अपनी...
सच्चे दोस्त की दोस्ती के कितने तलबगार हैं हम
प्यासे को ही पानी की ज्यों तलब हुआ करती है
प्यास अपनी...