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बस इतने समझदार हैं हम
आप हमारे साथ हो जब कितने खुशगवार हैं हम
सच्चे दोस्त की दोस्ती के कितने तलबगार हैं हम
प्यासे को ही पानी की ज्यों तलब हुआ करती है
प्यास अपनी मिटाने को इस कदर बेकरार हैं हम
कुछ काम किसी के आएं कुछ तो अच्छा कर पाएं
इसी ख्वाहिश में हर चुनौती के लिए तैयार हैं हम
अपनी शराफत का फायदा उठा के, वो चल दिए
हम सोचते ही रह गए बस इतने समझदार हैं हम
© PJ Singh
#8lines
सच्चे दोस्त की दोस्ती के कितने तलबगार हैं हम
प्यासे को ही पानी की ज्यों तलब हुआ करती है
प्यास अपनी मिटाने को इस कदर बेकरार हैं हम
कुछ काम किसी के आएं कुछ तो अच्छा कर पाएं
इसी ख्वाहिश में हर चुनौती के लिए तैयार हैं हम
अपनी शराफत का फायदा उठा के, वो चल दिए
हम सोचते ही रह गए बस इतने समझदार हैं हम
© PJ Singh
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