...

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कहा उसने ### भगवान भी याक़ीन नई करेंगे

ईश्वर से पूछना,
जब याक़ीन न उनको,

तोह ये साथ कैसा
हज़ारों बार लड़ने के बाद, ये बातों बातों का एहसास कैसा,
झुक कर गिरा दिया जिसे हज़ारो बार, गालियों से
उसी से बेइंतेहा प्यार कैसा,
एक छत पर आकर मिल बैठते है,
जब देखो तब जो बिछड़ बैठते है,
ना हैँ साथ जीवन में तो पूछो उस भगवान से,
क्यों इतने साल का सफर जारी हैं
जब मन मे भड़ास खुन्नाट लाखों गुना हैं,
हर बार लगता हैं, ये LAST है
पर बार मन हार, दिल जीत जाता है,
फिर वही साथ दुबारा दोहराया जाता है
वही लड़ाई वही साथ वही वहस वही बात

पूछना उन सारे ईश्वर देवी देवताओं से
क्यों ये दूरी में भी पास का सफर जारी हैं

मैं अब शब्दों का प्रयोग नही करना चाहती
मैं अब तुम बिन जीना चाहती हूँ
क्यों की मैं समझ गई हूँ
मेरे ईश्वर मेरे महादेव मेरे साथ है
और वो जानते है,मैं सही हूँ,गलत नई
इसीलिए आज तक इतने साल तक
ये साथ बरकरार है, नही तो कब का अलग हो जाते,
अपनी अपनी नई दुनियाँ बसा लेते,
पर मानो या ना मानों डियर,
मुँह से बोल सकते है हम, गाली भी हज़ार दे सकते है, पर दिल से निकाल नई सकतें एक दूसरे को वाजूद कों,
ना मानों मेरी बात को,तो दूर होकर दिखाओं
एक महीने नही dear एक साल मेरे बिन जी कर बताओं,###